इस बार तीन दिवसीय महोत्सव का शुभारम्भ नौ मार्च से शुरू हुआ | अवधी गायक दिवाकर दिवेदी, रवि त्रिपाठी, तृप्ति शाक्य, मनोज तिवारी के कार्यक्रम द्वारा तीन दिवसीय महोत्सव समापन हुआ|राष्ट्रीय एकता महोत्सव संस्कृतियों का संगम होने के साथ हर धर्म मजहब का भी संगम कराता है। जब तक देश में कौमी एकता अटूट रहेगी, तब तक कोई ताकत हिंदुस्तान का बाल बांका नहीं कर सकती |पौराणिक स्थली घुइसरनाथ धाम में आयोजित हुए राष्ट्रीय एकता महोत्सव में राष्ट्रीय कलाकारों के साथ ही जनपद की प्रतिभाओं को भी अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का पूरा मौका मिलता है। वहीं क्षेत्रीय लोग उभरती प्रतिभाओं को बडे़ कलाकार के रूप में देखने का सपना पालने लगे है। महोत्सव में जहां देश विदेश की संस्कृतियों का संगम होता है और चोटी के कलाकारों का जमघट होता है, वहीं महोत्सव के संयोजक व कांग्रेस विधान मण्डल दल के नेता प्रमोद तिवारी जनपद की उभरती प्रतिभाओं का भी सम्मान करना नही भूलते। पन्द्रह वर्षो के बीच क्षेत्र के कई उभरते गायकों व कलाकारों को मौका देकर उनकी प्रतिभा को तरासने का भरपूर प्रयास किया गया है। जिसकी मिसाल हैं लालगंज के रविकान्त त्रिपाठी जो कि राम अंजोर इण्टर कालेज में शिक्षार्जन करते गीत संगीत की साधना में रत रहे और एकता महोत्सव में उन्हें बराबर मौका मिलता रहा। आज रविकांत की पहचान एक सफल पाश्र्र्व गायक के रूप में पूरे देश में की जा रही है।
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